मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
रामजोड़ी रे, नान्हि टा टा छौंड़ी सब जाइ ससुरिया
रओ घुरि-घुरि लागै गंगा माइ के गोर
मोन सऽ अशीषबा तहूँ दीहक हे गंगा मइया
जाइते लड़िकबा पैदा होई।
रामजोड़ी रे, नान्हि टा टा छौंड़ी सब जाइ ससुरिया
रओ घुरि-घुरि लागै गंगा माइ के गोर
मोन सऽ अशीषबा तहूँ दीहक हे गंगा मइया
जाइते लड़िकबा पैदा होई।