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राम-लीला गान / 23 / भिखारी ठाकुर

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प्रसंग:

मण्डप में श्रीराम-सीता को दुलहा-दुलहिन के रूप में देखने के लिए लोगों की एकत्र भीड़ का वर्णन।

भइल बाटे मड़उआ में भीर।
दरसन हेतु दुआर पर तरसत हित, नेवतहरी, फकीर। मड़उआ में...
केहू कहत बरबस हम देखब, आपुस में खींचत लकीर॥ मड़उआ में...
राम-सिया दुलहा-दुलहिन के स्यामल-गौर सरीर। मड़उआ में...
कहत ‘भिखारी’ रहत दियरा में सरजुग-गंगा तीर। मड़उआ में...