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राम-लीला गान / 25 / भिखारी ठाकुर
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प्रसंग:
श्रीराम के चार भाइयों तथा सीता की चार बहनों के नाम का उल्लेख।
चारू भइया अइलन ससुरारी हो, चारू-दुलहिन का जोगे॥टेक॥
दुइ साँवर, दुइ गोर बिराजत, घोड़ा पर सोभत सवारी हो। चारू दुलहिन का जोगे।
सु्रतिकिरती, मांडवी, उरमिला, सीताजी के बर, भेजलन बरम्हा बिचारी हो। चारू दुलहिन का जोगे।
लखन, भरत, रिपुहन, रघुबर के नाम, जपत जंग सारी हो। चारू दुलहिन का जोगे।
करिके प्रनाम चरण में कहत नित दियरा के, दास ‘भिखारी’ हो। चारू दुलहिन का जोगे।