भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
राम के मंदिर / मोती बी.ए.
Kavita Kosh से
राम के मंदिर बनिए के रही
पहिले मेटाव मँहगाई
बलमु भजपाई।
का क लीहें अटल बिहारी का करिहें अडवानी
जब मउवति भूखा-दुखा के करे लगी अगुवानी
कइसे भोग लगी मंदिर में
घिव के दिया बराई
बलमु भजपाई।
राम के मंदिर...
सउंसे देस गंगा जल से जे हँकड़ि हँकड़ि के धोवे
ओकरे दुआरी मेहरी लइका डेकरि डेकरि के रोवे
तोनइल साधू बनिया चांपे
पूड़ी खीर मलाई
बलमु भजपाई।
राम के मंदिर...
गदका खेलल फरी नाचल खूब लगवल नारा
कुरुसी पवते पोते लगल मूँहे पर पोचारा
छैला सँइया धोबिया घाटे
फेनु लादी धोवाई ढोवाई
बलमु भजपाई।
राम के मंदिर...