मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
राम लेता बास, ओही वन राम लेता बास
सूखल सर मे कमल फुला गेल
हंस लेल परगास, ओही वन राम लेता बास
कहत प्रभु-प्रभु सुनू चकेबा
कोन तोहर छऽ बास, ओहि वन राम लेता बास
कहत प्रभु-प्रभु सुनू चकेबा
कुटिया हमरो बास, ओहि वन राम लेता बास
वनहि मे रहितहुँ, वने फल खइतहुँ
तोड़ि ओछबितहुँ पात, ओहि वन राम लेता बास