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राम सीता की जोड़ी अनोखी मड़वा के नीचे / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
राम सीता की जोड़ी अनोखी मड़वा के नीचे सुहावै मोरे लाल।
सर पै मुकुट माथे पै बिंदी खोरें अजब लगाई मोरे लाल।
राम सीता की जोड़ी अनोखी...
गले में माला मोतिन की है हार अजब सुहावै मोरे लाल।
राम सीता की जोड़ी अनोखी...
दोई मिल कै गठबंधन हो गये ऐसी कैसी लीला है अपार मोरे लाल।
आजुल आजी चरन पखारें बलि बलि जात निछावर मोरे लाल।
राम सीता की जोड़ी अनोखी...
बाबुल मैया चरन पखारें बलि बलि जात निछावर मोरे लाल।
राम सीता की जोड़ी अनोखी...
दोई मिल कै गठबंधन हो गये ऐसी कैसी है लीला अपार।
मामा माई चरन पखारें बलि बलि जात निछावर मोरे लाल।
राम सीता की जोड़ी अनोखी...