हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
रावटडी चढ़ सूत्या बाई का बाबा जी
चिंत्या मैं नींद ना आंवती जी म्हारा राज
रावटडी चढ़ सूत्या बाई का बाबला जी
चिंत्या मैं नींद ना आंवती जी म्हारा राज
के थारी सेज कुसेज
के मैहलां के माच्छर लागणै जी म्हारा राज
ना म्हारी सेज कुसेज
ना मैहलां के माच्छर लागणे जी म्हारा राज
म्हारै घर लाडलडी का ब्याह
चिंत्या मैं नींद ना आंवती जी म्हारा राज