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रास्‍ता दिखाने वाला तारा / यून्‍ना मोरित्‍स

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कौन चमकता है इस तरह ?
आत्‍मा ।
किसने सुलगाया है उसे ?
बच्‍चे की तुतलाहट, हलकी-सी धड़कन या
पोस्‍त के लहराते खेत ने ।

कौर करवटें बदलता है इस तरह ?
आत्‍मा ।
किसने जलाया है उसे ?
उड़ते हुए बवण्डर, बजते हुए चाबुक और
बर्फ़ जैसे ठण्डे दोस्‍त ने ।

कौन है वहाँ मोमबत्‍ती लिए ?
आत्‍मा ।
कौन बैठे हैं मेज़ के चारों ओर ?
एक नाविक, एक मछेरा
उसके गाँव का ।

कौन है वहाँ आकाश पर
आत्‍मा ।
आज क्‍यों नहीं वह यहाँ ?
लौट गई है वह अपने दादा-दादी के पास
बताती है उन्‍हें --
कैसी है हर चीज़ आज-कल यहाँ ।

वे कहते हैं उसे कोई बुरी बात नहीं,
अफ़सोस न कर तू अपने खोए हुए पाँवों और हाथों पर
अब तू आत्‍मा है, तारा है
पृथ्‍वी के सब नाविकों और मछेरों के लिए ।