भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

राहुल बाबा / अनिरुद्ध प्रसाद विमल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छै अंगदेश में ढेरी-ढेरी बाबा
केकरौ से कम नै राहुल बाबा

बहुत कम उमर के छै ई बाबा
पर सब बड़कोॅ पर भारी बाबा

छंद ज्ञान से छै भरलोॅ राहुल
रस भरलोॅ गीत लिखै छै बाबा

रोग व्याधि दुख चिन्ता छोड़ी केॅ
भिड़लोॅ कामोॅ में राहुल बाबा

जौं ज़िद ठाने तेॅ पर्वत तोड़ेॅ
शिव संकल्पोॅ से भरलोॅ राहुल बाबा

राहुल शिवाय केॅ पढ़ियें रे नूनू
सब विधा लिखै छै राहुल बाबा।

बड़का छुटका सभ्भैं मानै छै
सबरोॅ मितवा छै राहुल बाबा।