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राह बाटे कठिन, मगर बाटे / मनोज भावुक

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राह बाटे कठिन, मगर बाटे
चाहे बाटे अगर , डगर बाटे

होखे खपरैल भा महल होखे
नेह बाटे तबे ऊ घर बाटे

तींत भा मीठ जे मिलल हक में
ऊ त भोगे के उम्र भर बाटे

साँच पूछीं त हमरा गीतन पर
आज ले, राउरे असर बाटे

आँख नइखे ई चार हो पावत
लाख 'भावुक' मिलत नजर बाटे