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रिक्ति / दिनेश कुमार शुक्ल

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रिक्त है यह रात
इसमें कुछ नहीं
यदि तुम नहीं...

नींद का सुख, स्वप्न के भय
अनिद्रा का छटपटाना

दूर
एकाकी, भटकती हुई-सी
आवाज़ का जाना

और तारों का
तड़ातड़ टूट जाना

कुछ नहीं
यदि तुम नहीं तो...