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रिपियो / ओम पुरोहित कागद

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कागर री परची !
पण
जकै रै हाथ लाग जावै
उण नै
दुनिया रा
सै सुवाद चखा देवै !
अर जकै रै हाथ स्यूं निकळै
उण नै
गोगा सा गुवा देवै!