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रियायत / ईमान मर्सल

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तुम्हें हर महीने तनख़्वाह मिलती है क्योंकि राज्य अभी वजूद में है
और जब तक तुम्हारी अवसाद भरी आंखों में सूरज हलचल करता रहेगा
क़ुदरती कूड़ों की तफ़्सील बयान करने के बहाने तुम्हें मिलते रहेंगे
इस तरह तुम ऐतिहासिक क्षणों में प्रवेश करती हो, उनके ज़ुराबों के ज़रिए

रियायतों से ख़बरदार रहो
मसलन, कूड़े को ही देखो
वह सूअरों को खाना प्रदान करता है,
और सच में, पिछले राष्ट्रपति के शासनकाल के बाद से तो
हर चीज़ में सुधार हुआ है,
इतना कि मुर्दों के शहर तक में अब
अंतर्राष्ट्रीय फ़ोन एजेंसियां लग गई हैं

निजी तौर पर मुझे किसी की आवाज़ नहीं चाहिए

रियायतों से ख़बरदार रहो
और भविष्य के बारे में तो बिल्कुल चिंता मत करो
तुम्हारे पास वह आज़ादी नहीं है जो मरने के लिए ज़रूरी होती है

अंग्रेजी से अनुवाद : गीत चतुर्वेदी