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रिश्ते / देवेश पथ सारिया
Kavita Kosh से
जिन्हें धक्का मारना था
उन्हें अपनी तरफ
रहा खींचता
जो बने थे
खुल जाने के लिए
खींचने से
उन्हें धकेलता रहा
अपने से दूर
लोग दरवाज़े थे
और मैं
साइन बोर्ड पढ़ने में अक्षम
अनपढ़, अल्हड