भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रूई का इक पहाड़ है या तोंदा बर्फ़ का / रमेश तन्हा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

साँचा:KKCatTraile

 
रूई का इक पहाड़ है या तोंदा बर्फ का
वो अब्र-पारा दोशे-हवा पर तुला हुआ

ये कौन इम्तिहान है नज़रों के ज़र्फ़ का
भूली हुई शिनाख्त की परछाइयों में गुम
फिक्रो-नज़र में बंट गया इज़हार हर्फ़ का

इमकानो-आगही का है दफ़्तर खुला हुआ

 रूई का इक पहाड़ है या तोंदा बर्फ का
वो अब्र-पारा दोशे-हवा पर तुला हुआ।