जाने क्या कुछ हुई ख़ता मुझसे
रूठा वो बे सबब न था मुझसे.
जिसको हासिल न कुछ हुआ मुझसे
मौन का अर्थ पूछता मुझसे.
लोग क्या जाने जानने आए
नाता जिनका न था जुड़ा मुझसे.
जिसने रक्खा था कै़द में मुझको
खुद रिहाई था चाहता मुझसे.
ना-शनासों की बस्तियों में, कब
किसने रक्खा है राब्ता मुझसे.
सिलसिला राहतों का टूट गया
दिल की धड़कन हुई खफ़ा मुझसे.