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रून झुन बाजे रामा पाँव के पैजनिया / महेन्द्र मिश्र

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रून झुन बाजे रामा पाँव के पैजनिया ए ननदिया मोरी रे।
सइयाँ के सेजरिया कइसे जावँ ए ननदिया मोरी रे।
आधी-आधीरतिया राम पिछिली पहरिया ए ननदिया मोरी रे।
निन्दियो ना आवे सारी रात ए ननदिया मोरी रे।
भोरे के निन्दिया रामा सैयाँ अलसावे ए ननदिया मोरी रे।
भोरे के निन्दिया रामा सैयाँ अलसावे ए ननदिया मोरी रे।
रसे-सरे बेनिया डोलावँ ए ननदिया मोरी रे।
लाज मोरा लागे रामा जागेली जेठनिया ए ननदिया मोरी रे।
समुझि-समुझि पछतावँ ए ननदिया मोरी रे।
कहत महेन्द्र मोरा जियरा ना माने ए ननदिया मोरी रे।
केकरा सरनियाँ हम जावँ ए ननदिया मोरी।