रूह शादाब कर गया कोई.
दर्द आबाद कर गया कोई.
ख़ुश्क आँखों को झलक दिखला के,
चश्मे-पुरआब कर गया कोई.
जाँ तलक आशनाई का आलम,
दिल को बरबाद कर गया कोई.
आशियाँ हमने ख़ुद जला डाला,
ऐसी फ़रियाद कर गया कोई.
रख के लब मेरी पेशानी पे,
मुझको नायाब कर गया कोई.