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रेज़ा / सुशील भोले
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चौड़ी आए हौं जांगर बेचे बार, मैं बनिहारिन रेजा गा
लेजा बाबू लेजा गा, मैं बनिहारिन रेजा गा...
सूत उठाके बड़े बिहन्वे काम बुता निपटाए हौं
मोर जोड़ी ल बासी खवाके रिकसा म पठोए हौं
दूध पियत बेटा ल फेर छोड़ाए हौं करेजा गा
लेजा बाबू लेजा गा, मैं बनिहारिन रेजा गा॥
बेरा उवत के खड़े-खड़े देखत हावौं मैं मालिक
मुंड म आगे सूरज नारायन ले जा तैह ए मालिक
जांगर बाबू लेजा ग, मैं बनिहारिन रेजा गा॥
बनी बिना तो ए बनिहारिन रहि जाही लांघन
मैं नइ खाहूं त मोरो पिलवा कइसे पाही जेवन
मोर जोड़ी तो अपन कमई के नइ देवय एक बीजा गा
लेजा बाबू लेजा गा, मैं बनिहारिन रेजा गा....