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रेले गाड़ी / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'
Kavita Kosh से
छुक-छुक-छुक इ रेल गाड़ी
ढूवै रोजे-रोज सवारी
एगो ऐली, एगो गेली फेरा-फेरी, पारा-पारी।
पटना से दिल्ली भी गेली
घुरी-फिरी के फेरू ऐली
आबी के टीशन में खाड़ी
छोटका-बड़का करोॅ सवारी।