भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रोटी की कविता / आरती तिवारी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

हर रोटी में बेलती है
एक कविता
तवे पर सेंकती है,एक आह
गैस के बर्नर पर
आह गिरते ही
फूल जाता है दर्द
उसे घी की नरमाई से
छुपाने का जतन कर
परोस देती है,
सुख की थाली में
इतनी रोटियाँ खाते-खाते
पढ़ लीं तुमने कितनी ही कविताएँ.