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रोटी के गीत / रमाकांत द्विवेदी 'रमता'
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जगत में रोटी बड़ी महान !
बिन रोटी क्या पूजा-अर्चा-तीरथ-बरत-नहान
छापा-तिलक-जनेऊ-कंठी-माला कथा-पुरान
बिन रोटी सब सूना-सूना घर-बाहर-मैदान
मन्दिर-मस्जिद-मठ-गुरुद्वारा-गिरजाघर मसान
रोटी बढ़कर स्वर्ग लोक से, रोटी जीवन प्राण
रोटी से बढ़कर ना कोई देव-दनुज-भगवान
सो रोटी उपजे खेती से, खेती करे किसान
जो किसान का साथ निबाहे, सो सच्चा इनसान
रचनाकाल : 15.06.1988