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रोटी रो टुकड़ो / सांवर दइया

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बेजां ई सोरो है
ओ कैवणो
आदमी नै झुकणो नईं चाईजै
पण देखो तो सरी
मिनख री मनस्यावां
पांगळी करण खातर
बासी रोटी रो टुकड़ो
कुदड़का करतो
कुस्ती करण खातर ऊभो है
ओ तो मिनख है जिको कैवै
म्हैं फेर ई लड़ूंला !