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रोटी लता चालज्या इसा काम ले ले नै / मेहर सिंह

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वार्ता- चारों प्राणी भूख प्यास से व्याकुल जंगल में भटक रहे थे तो उस समय रानी अम्बली क्या कहती है-


चलते चलते हार गये विश्राम ले ले नै।
रोटी लता चालज्या इसा काम ले ले नै।टेक

पिया हम दुखी करे गर्दिश नै
क्यूकर ओटैं भूख और तिस नै
हम जिसनै पैदा करे उसी का नाम ले ले नै।

हम दिखावैं कड़ै टोटे मैं श्यान नै
यो दुःख दे दिया म्हारे भगवान नै
म्हारी दुखिया की ज्यान नै मेरे राम ले ले नै।

एक दिन होगा न्याय ईश्वर कै
पिछली करणी का डंड भर कै
किसै भागवान कै धंधा करकै किमै दाम ले ले नै।

ईश्वर पार करैंगे खेवा
वो ही सब सुख दुःख का देवा
मेहर सिंह करकै गुरु की सेवा, वो धाम ले ले नै।