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रोही में परजातंतर / कन्हैया लाल सेठिया

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हुसी अबै जद कद रोही में चुणाव
जीतसी सुसियो
हारसी ना’र
देसी निबळा जिनावर
निडर हू’र आपरा मत
हुसी ना’र बघेरां, चीता री घणी दुरगत
बण ज्यासी देस दिवाण चलाक लूंकड़ी
लाग ज्यासी गंडक हाथ्यां रै लार
हुज्यासी बानरा घोड़ां पर असवार
बैठ ज्यासी उछळ’र मींडका स्यापां रै फण पर
बांध देसी ऊंदरा मिनक्यां रै गळै में घंटी
रै’सी जका छड़या बीछड़या ना’र बघेरा
बै लेसी अभयारण्यां में सरण
का लादसी चिड़ियाघरां रै पींजरा में
काटता चक्कर
का बणा’र राखसी बां नै गादड़ा
सरकस मासटर रो हंटर !