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लकड़ियाँ जब बदल जाएंगी / हेमन्त शेष

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लकड़ियाँ

जब बदल जाएंगी कुर्सियों में

तब हमें लगेगा

अंतत: एक विश्व बदला

लोग उन्हें इस्तेमाल करें

और भूल जाए वनों को

यही दुनियादारी का कायदा है और कवियों और

कुर्सियों की विवशता भी