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लचिका रानी / खण्ड 4 / अंगिका लोकगाथा

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

चौथा खण्ड

रम्मा कुँवर सुमरै धरती मैयो रे ना
रम्मा वीर बाँके रणवीर कुवरवो रे ना
रम्मा दादियाँ के करै परनममो रे ना
रम्मा घोड़ियाँ पर होलै सबरवो रे ना
रम्मा बारप्पा सें करलकै परसथनमो रे ना
रम्मा चली देलकै दुश्मनमा के देशवो रे ना
रम्मा कुँवर बोलै घोड़ी सें बचनमो रे ना
रम्मा चले घोड़ी दुश्मनमा के देशवो रे ना
रम्मा घोड़ी छोड़ै धरती उड़े आकशवो रे ना
रम्मा कुछ ही घंटा में जाय पहुँचलै मुदैई नगरियो रे ना
रम्मा होय छेलै राजा घर आनन्दवो रे ना
रम्मा लचिका सें करै छेलै विधिवत् विहववो रे ना
रम्मा होय छेलै मंगल गीत गानमो रे ना
रम्मा बाजै छेलै दुआरी पर बजवो रे ना
रम्मा राजा छेलै खुशी मगनमो रे ना
रम्मा बड़ी भीड़ छेलै दुवरियो रे ना
रम्मा वही समय पहुचलै कुंवर रणवीरवो रे ना
रम्मा जहाँ करै छेलै लचिका दानमो रे ना
रम्मा वहाँ गेलै कुंवर रणबीरबो रे ना
रम्मा घोड़ी पीठी पर होलै सबरवो रे ना
रम्मा बोलै बात बड़ी कड़वो रे ना
रम्मा हरि के लानल्है हमरो मैयो रे ना
रम्मा करबै हम्में होकरोॅ बेटी से बिहवबो रे ना
रम्मा हम्मू जों होभै असल के जनमलो रे ना
रम्मा हम्मू चूकैय्यै लेबै बापोॅ के बदलो रे ना
रम्मा आजु दिनां देखबै होकरोॅ बलबो रे ना
रम्मा तलवरवा सें काटि होकरोॅ सिरबो रे ना
रम्मा काटि केॅ लटकैय्यै देवै पीपरवा के गछियाँ पर सिरबो रे ना
रम्मा कुंवर के सुनि के बतियो रे ना
रम्मा लचिका रानी सुनी केॅ होलै खुशवो रे ना
रम्मा लचिका के छतियाँ से बहै लागलै दुधबो रे ना
रम्मा पड़लै जायकै कुंवर के मुंहमो रे ना
रम्मा ऐसन देखि के हलवो रे ना
रम्मा तबेॅ कहेॅ लागलै रानी लचिको रे ना
रम्मा सुनोॅ नुनुआ हमरोॅ बतवो रे ना
रम्मा भागी जो तों चुपचपवो रे ना
रम्मा भेद नहीं जानौं पापी रजवो रे ना
रम्मा जबेॅ होय जैताैं राजा के मालूममो रे ना
रम्मा जित्तोॅ नै छोड़ताैं परनममो रे ना
रम्मा माता के सुनी बचनमो रे ना
रम्मा तबेॅ बोलै कुंवर रणवीरवो रे ना
रम्मा सुनोॅ मैया हमरोॅ कहनमो रे ना
रम्मा तोरोॅ चरन पर धरै मथवो रे ना
रम्मा मैया तों दे हमरा आशिशबो रे ना
रम्मा असल के जो होवै लड़कवो रे ना
रम्मा हम्में आपनोॅ बापो के लेवै बदलवो रे ना
रम्मा बिना बदला चुकैलै नै जैबै आपनोॅ देशवो रे ना
रम्मा एतना कहि केॅ बचनमो रे ना
रम्मा मैया केॅ करलकै परनममो रे ना
रम्मा तबेॅ देलकै मैया अशिरबदवो रे ना
रम्मा कुंवर ऐलै सीधा दरबरवो रे ना
रम्मा गरजी केॅ बोलै बचनमो रे ना
रम्मा हरन करि केॅ जे लानल्हे हमरोॅ मैयो रे ना
रम्मा आबी जो तों हमरोॅ सामना रे ना
रम्मा देखबै हम्में होकरोॅ सुरतियो रे ना
रम्मा जों होतै असल के पैदवो रे ना
रम्मा आवी केॅ निकलतै मैदनमो रे ना
रम्मा देलकै कुंवर ललकरवो रे ना
रम्मा देवै होकरोॅ विगाड़ी नकशवो रे ना
रम्मा सुनि केॅ कुंवर के ललकरबो रे ना
रम्मा राजा हौले जरी केॅ अंगरवो रे ना
रम्मा दै देलकै पलटन केॅ हुकुवमो रे ना
रम्मा जल्दी सें होय जो तैयरवो रे ना
रम्मा सुनी केॅ हुकुम पलटनमो रे ना
रम्मा आवी जुटलै सब मैदनमो रे ना
रम्मा टूटी पड़लै कुंवर के उपरवो रे ना
रम्मा तबेॅ कुंवर देलकै ललकरवो रे ना
रम्मा घोड़ी उड़ै आकशवा रे ना
रम्मा दोॅत सें काटी गिरावै पलटनमो रे ना
रम्मा घोड़ी पर चढ़ी केॅ कुंवर रणवीरवो रे ना
रम्मा जैसै काटै खेत किसनमो रे ना
रम्मा वैसे काटै कुंवर सेनमो रे ना
रम्मा खुनमा से पटै धरतियो रे ना
रम्मा खतम होय गेलै सब सैनिकवो रे ना
रम्मा अकेला बचलै एक्के रजवो रे ना
रम्मा होकरोॅ काटलकै गरदन वीर रणवीरवो रे ना
रम्मा बापोॅ के चुकैलकै बदलवो रे ना
रम्मा कुंवर जीतलकै समरवो रे ना
रम्मा तबेॅ गेलै गढ़ के उपरवो रे ना
रम्मा धजवा फरैलकै कुंवर रणबीरवो रे ना
रम्मा तोड़ी देलकै सबके गुमनमो रे ना
रम्मा चल्लो गेलै महल के भीतरवो रे ना
रम्मा जहाँ छेलै रजवा के बेटीयो रे ना
रम्मा रजबा के बेटी लैकेॅ संगबो रे ना
रम्मा हीरामंती जेकरोॅ नाममो रे ना
रम्मा चमकै छैलै होकरोॅ रूपवो रे ना
रम्मा ऐलै आपनोॅ मैया के किनटवो रे ना
रम्मा हाथ जोड़ी करलकै मैया केॅ परनममो रे ना
रम्मा देलकै मैया तबेॅ आर्शीबदबो रे ना
रम्मा कुंवर मन होलै आनन्दवो रे ना
रम्मा मैया के साथोॅ में कुंवरवो रे ना
रम्मा चली देलकै आपनोॅ देशवो रे ना
 रम्मा कुंवर आवी गेलै नौरंग पोखरबो रे ना
रम्मा बोलै तबेॅ कुंवर रणवीरवो रे ना
रम्मा सुनी लेॅ राजा के बेटीयो रे ना
रम्मा यै पोखरिया उपर जेतना हड्डियो रे ना
रम्मा चुनी-चुनी करै तों जोअरवो रे ना
रम्मा तोरोॅ बापोॅ के करनमो रे ना
रम्मा कुंवर के सुनी बचनमो रे ना
रम्मा भोकरी-भोकरी कानेॅ लागलै हिरामंती रे ना
रम्मा कथीलेॅ होलोॅ छेलै हमरोॅ जनममो रे ना
रम्मा कौनी जनमोॅ में करलोॅ छेलां पपवो रे ना
रम्मा जे आय हमरा भोगे लेॅ पड़ै रे ना
रम्मा कुंवर कहै आपनोॅ कहनमो रे ना
रम्मा जल्दी सें मानी लेॅ हमरोॅ कहनमो रे ना
रम्मा यही बातोॅ में तोरोेॅ कुशलवो रे ना
रम्मा नहीं तेॅ करवोॅ तोरोॅ दुरगतियाँ रे ना
रम्मा खींची लेवौ देहोॅ के खलवो रे ना
रम्मा कत्तो तों कानभै नै छोड़वौ जानमो रे ना
रम्मा हमरोॅ कहलोॅ मुताबिक करेॅ तों कममो रे ना
रम्मा जैसनोॅ तोरोॅ वापोॅ के मारलियो समानमो रे ना
रम्मा वैसने लै लेवौ तोरोॅ परनममो रे ना
रम्मा हीरामंती कानै धुनी-धुनी कपरवो रे ना
रम्मा लोर पोछी-पोछी भीजाबै अचरबो रे ना
रम्मा कुछु दिन के बादबो रे ना
रम्मा आवी गेलै शिवरतियाँ के दिनमो रे ना
रम्मा शिबरतियाँ के दिनमा हिरामंती सें कुंवर करलकै बिहबबो रे ना
रम्मा बाजै लागलै खुशी के बजबो रे ना
रम्मा मंगल गीत हुवै लागलै अंगनमो रे ना
रम्मा छुटी गेलै कुंवर के सब विपत्तियो रे ना
रम्मा खुशिया से रहै रानी लचिको रे ना
रम्मा पुरी गेलै सब्भै आस अरमनमो रे ना
रम्मा कुंवर रणबीरवा केॅ पिन्हलकै राज मुकुटवो रे ना
रम्मा कुंवर रणबीरवा भेलै वरप्पा के रजवो रे ना
रम्मा वीतेॅ लागलै खुशी से जीवनमो रे ना
रम्मा परजबा में भी होलै खुशियो रे ना
रम्मा खनैलकै वारोॅ कुपवो रे ना
रम्मा हरलो राज धुरी केॅ होलै रे ना
रम्मा जनता के खुशी सें राजा रहै प्रसन्नमो रे ना।