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लट / तादेयुश रोज़ेविच / सरिता शर्मा
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					जब वाहनों में लाई गई 
सभी महिलाओं के 
सिर मुँडवाए गए 
चार मजदूरों ने संटियों की झाड़ुओं से 
बुहारा 
और बालों को बटोरा 
साफ शीशे के नीचे 
रखे हैं सख्त बाल उनके 
जिनका दम घुटा गैस चेंबरों में 
पिनें और कंघियाँ उलझी हुई हैं 
इन बालों में 
बाल रोशनी से चमकते नहीं हैं 
हवा उन्हें लहराती नहीं है 
किसी हाथ 
ने छुआ नहीं है उन्हें 
न ही बारिश या होंठ ने 
भारी भरकम पेटियों में 
पड़े हैं रूखे बाल 
दम घुटने वालों के 
और कुम्हलाई चोटी की 
रिबन वाली एक लट है
जिसे स्कूल में खींचा था 
शरारती लड़कों ने
 
	
	

