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लड़ना / पवन करण
Kavita Kosh से
मुझे उन सबकी ख़ूब याद आती है
जिन्होंने मुझसे कई बार कहा
कि मुझे लड़ना चाहिए
मैं उन सबको कभी भूल नहीं पाता
जो मुझसे हमेशा कहते रहे कि मुझे
लड़ने से डरना नहीं चाहिए
मैं उनसे माफ़ी माँगना चाहता हूँ
जिन्होंने मुझसे कहा कि मैं ही
नहीं लड़ूँगा तो फिर कौन लड़ेगा
मैंने उनकी मानी होती
तो मैं भी लड़कर हारा होता