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लड़-लड़कर / अमित कुमार मल्ल
Kavita Kosh से
लड़ो
लड़कर जीतने के लिए
जीत
न हो
लड़ो
जमकर लड़ने के लिए
साँस न दे
साथ अंत तक
लड़ो
लड़ने की शुरुआत के लिए
प्रारम्भ न
हो तो भी
लड़ो
लड़ाई के विश्वास के लिए
विश्वास बन जाए
पिघलती बर्फ
लड़ो
लड़ाई के सपने के लिए