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लत / सांवर दइया
Kavita Kosh से
थारी म्हारी रो
थूक बिलोवणो
हत्ती-तत्ती रो
कादो किचोवणो
बणगी है आपणी लत
अबार
आपां बिगाड़ां
बगत री गत
पछै बगत करैला
आपणी दुरगत ।