Last modified on 21 फ़रवरी 2011, at 03:17

लत / सांवर दइया

थारी म्हारी रो
थूक बिलोवणो
हत्ती-तत्ती रो
कादो किचोवणो
बणगी है आपणी लत
अबार
आपां बिगाड़ां
बगत री गत
पछै बगत करैला
आपणी दुरगत ।