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ललकी कनियाँ / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'
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दू पहिंयाँ के बरदा गाड़ी
ललकी कनियां ललका साड़ी
बच्चा-बुतरू उछलै कूदै
हुलकै घॉेघॉे खूब उघारी
ढोल नगाड़ा बाजै राती
आबै जखनी बोॅर-बराती
धड़-धड़ाधड़ उड़ै पड़ाका
सगरे लागै धूम-धमाका
गाड़ी पर छै डाला-हाड़ी
दू पहिंयाँ के बैलें गाड़ी।