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लल्लू लाल / अमरेन्द्र
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लल्लू लाल
करै कमाल ।
देह-हाथ लकड़ी
सुखलोॅ डाल ।
छोॅ कीलोॅ के
छट्ठा साल ।
जरा-सा डाँटोॅ
मूँ-गाल लाल ।
भात मिलै तेॅ
दै छै ताल ।
नाक सिकौड़ै
देखथैं दाल ।
मूसोॅ देखथैं
हाल बेहाल ।
खोटा, चीटी
वास्तें काल ।
पढ़ै-लिखै में
अव्वल आल ।
यहेॅ कमाल
लल्लू लाल ।