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लहर / जयशंकर प्रसाद
Kavita Kosh से
(लहर से पुनर्निर्देशित)
लहर
रचनाकार | जयशंकर प्रसाद |
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प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | |
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ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- लहर1 / जयशंकर प्रसाद
- लहर2 / जयशंकर प्रसाद
- अशोक की चिन्ता / जयशंकर प्रसाद
- प्रलय की छाया / जयशंकर प्रसाद
- ले चल वहाँ भुलावा देकर / जयशंकर प्रसाद
- निज अलकों के अंधकार में / जयशंकर प्रसाद
- मधुप गुनगुनाकर कह जाता / जयशंकर प्रसाद
- अरी वरुणा की शांत कछार / जयशंकर प्रसाद
- हे सागर संगम अरुण नील / जयशंकर प्रसाद
- उस दिन जब जीवन के पथ में / जयशंकर प्रसाद
- आँखों से अलख जगाने को / जयशंकर प्रसाद
- आह रे,वह अधीर यौवन / जयशंकर प्रसाद
- तुम्हारी आँखों का बचपन / जयशंकर प्रसाद
- अब जागो जीवन के प्रभात / जयशंकर प्रसाद
- कोमल कुसुमों की मधुर रात / जयशंकर प्रसाद
- कितने दिन जीवन जल-निधि में / जयशंकर प्रसाद
- मेरी आँखों की पुतली में / जयशंकर प्रसाद
- जग की सजल कालिमा रजनी / जयशंकर प्रसाद
- वसुधा के अंचल पर / जयशंकर प्रसाद
- अपलक जगती हो एक रात / जयशंकर प्रसाद
- जगती की मंगलमयी उषा बन / जयशंकर प्रसाद
- चिर तृषित कंठ से तृप्त-विधुर / जयशंकर प्रसाद
- काली आँखों का अंधकार / जयशंकर प्रसाद
- अरे कहीं देखा है तुमने / जयशंकर प्रसाद
- शशि-सी वह सुन्दर रूप विभा / जयशंकर प्रसाद
- अरे!आ गई है भूली-सी / जयशंकर प्रसाद
- निधरक तूने ठुकराया तब / जयशंकर प्रसाद
- ओ री मानस की गहराई / जयशंकर प्रसाद
- मधुर माधवी संध्या में / जयशंकर प्रसाद
- अंतरिक्ष में अभी सो रही है / जयशंकर प्रसाद
- शेरसिंह का शस्त्र समर्पण / जयशंकर प्रसाद
- पेशोला की प्रतिध्वनि / जयशंकर प्रसाद