भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
लहरें / उर्मिल सत्यभूषण
Kavita Kosh से
बलखाती लहरों पर लहरें
लहर लहर लहराती लहरें
पल पल बनती मिटती लहरें
उठ उठ कर गिर जाती लहरें
क्षणभंगुर जीवन की सरगम
पंचम स्वर में गाती लहरें
रूप सुधा बिखराती लहरें
छविरस से नहलाती लहरें
शैशव सी ये पुलकित लहरें
यौवन सी ये उन्मत्त लहरें
करके सैन बुलाती लहरें
जीवन मर्म बताती लहरें
जीना ये सिखलाती लहरें
हंसती और हंसाती लहरें
मस्ती मधु पिलाती लहरें
झूम रही बलखाती लहरें