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लहरों का सन्तोष / बलदेव वंशी
Kavita Kosh से
लहरें नहीं जानतीं
मुसाफ़िर का नाम
उद्देश्य का काम
लहरों पर नहीं लिखा
पार उतरने
या डूबने वालों का इतिहास
उनके हिस्से आता है
डूबे जहाज़ों का मलबा
या पार उतरों का उल्लास
लहरों को
इतने में सन्तोष है !...