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लहू के तेल / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'

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कानून के दिया मं लहू के तेल
कानून कं पैसा व पैरबी सं मेल।

न्यालय के भीतर आरु बाहर मं घुन
कार-रंग कोटऽ मं बीके कानून
पढ़लका-लिखलका सब्हे होलै बेरथ
पैसे पं जिनगी मं पास आरु फेल
कानून के दिया मं लहू के तेल।

जत्ते मोन तत्ते लूटी कं लानो।
उखड़ पं चढ़ी कं छाती कं तानो,
ताना-तानी करभे तं हँस्सी मं खेल।
कानून के दिया मं लहू के तेल।

बच्चा के खेल छीकै चोर-सिपाही
सिपाही के बनलो छै चोर गवाही
गवाही-गवाही मं खालिये तबाही
आखीर मं नोन-रोटी छुच्छे धकेल
कानून के दिया मं लहू के तेल।

पैसा पं बीके छै बैल, गाय, भैंस
भैंसऽ पं बैढी देखाबै छै तैश
तैशऽ में आवी कं जत्ते कं मारो
कानून देलाबै छै पैसा पं बेल
कानून के दिया मं लहू के तेलै।

पैसा के खातिर घोटाला घोटाला,
घोटाला-बाजऽ के गल्ला मं माला
ठिकेदार पेशकार, वकील, जज भेल
चढौवा मं कमी त जिंनगी भर जेल।
कानून के दिया में लहू के तेल।
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जे आदमी जीवन मं कुच्छू नै करलकै लेकिन सफल
होलै, हुनका से अच्छा हुनी छै, जौने कि खूब मेहनत करलकै मतर सफल नै हुए पारलै।
-अनजान
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