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लालटेन / कुमार विमलेन्दु सिंह
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दीपावली की सफाई में
एक हरे रंग का लालटेन
मिला माँ को
बता रही थी वह
कि पढ़ते थे हम
उसकी रोशनी में
जब छोटे थे
हल्के नीले रंग के तेल के अलावा
जो लालटेन में
भरा जाता था
जलने के लिए
वह कालखंड याद आया
जब सिमट आती थी
पूरी दुनिया
उस लालटेन की रोशनी के घेरे में
मैंने देखा उसे
गौर से
और जैसे अचानक
बातचीत शुरू हो गई उससे
मैंने पूछा लालटेन से
कितने दिन बाद दिखे हो
क्या अभी जल पाओगे
पहले की तरह?
जब माँ साफ करती थी तुम्हें
हमारे पढ़ने के लिए
ज़ोर से हँसा लालटेन
और पूछा मुझसे
क्या तुम पढ़ पाओगे
माँ की इच्छाओं को
हर साल, दूर देश से
बस दीपावली में आ कर
मेरी धीमी रोशनी में