लालन चलतन कागा हो बोलै नीलकंठ सुहावने।
लालन चलतन हथिया झूमै बाजत आवै नौनी गिड़गिड़ी।
लालन चलतन आजी हो बोलीं वारे दूल्हा घामौ विलमाइये।
हम कहा घामौ विलमायें मोरी आजी धनिया के उमये लालन जात है।
धनिया के उमये चन्द्रावदनी के उमये घामौ गिने न छाँयरौ।
तुमने भये हमने चरूआ धराये चरूआ धराये कछु नेग है।
इतने बोल जिन बोलो मोरी आजी इतने बोल नईं होत हैं।
दासा दसीली बहुयें ले आयें आजी के चरन पलौटियें।
लालन चलतन कागा हो...
लालन चलतन माता हो बोली वारे दूल्हा घामौ विलमाइये।
हम कहा घामौ विलमाये मोरी मैया धनिया के उमये लालन जात है।
धनिया के उमये चन्द्रावदनी के उमये घामौ गिने न छाँयरौ।
तुमरे भए हमने दुदुआ पियाये दुदुआ पियाई कछु नेग है।
इतने बोल जिन बोलो मोरी माता इतने बोल नईं होत है।
छिरिया को मोल गैया को मोल मैया को मोल नईं होत है।
दासा दसीली बहुयें ले आयें मैया के चरन पलौटियें।
लालन चलतन कागा हो...
लालन चलतन फुआ बोली वारे दूल्हा घामौ विलमाइये।
हम कहा घामौं विलमाये मोरी फुआ धनिया के उमये लालन जात है।
धनिया के उमये चन्द्रावदनी के उमये घामौ गिनै न छाँयरौ।
तुमने भये हमने सतिया धराये सतिया धराये कछु नेग है।
इतने बोल जिन बोलो मोरी फुआ इतने बोल नईं होत है।
दासा दसीली बहुयें ले आयें फुआ के चरन पलौटियें।
लालन चलतन कागा हो...
लालन चलतन काकी बोली बारे दूल्हा घामौ विलमाइये।
हम कहा घामौ विलमाये मोरी काकी धनिया के उमयचे लालन जात है।
तुमरे भये हमने लडुआ बंधाये लडुआ बंधाई कछु नेग है।
इतने बोल जिन बोलो मोरी काकी इतने बोल नईं होत है।
दासा दसीली बहुयें ले आयें काकी के चरन पलौटियें।
लालन चलतन कागा हो...