लाल झंडे का विदा-गीत / येव्गेनी येव्तुशेंको
विदा लाल झंडे हमारे
तुम थे हमको कितने प्यारे
जर्मन रैख़स्टॉग<ref>जर्मन सरकार का मुख्यालय द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान</ref> पर तुमको लहराया
जब दौर हमारी विजय का आया
तुम थे आशा, उम्मीद हमारी
हम पर जीत का गर्व था तारी
हालाँकि वह भी था धोखा
उसका अपना लेखा-जोखा
विदा लाल झंडे हमारे
तुम थे हमको कितने प्यारे
तुम भाई थे, तुम दुश्मन थे
कभी शत्रु तो कभी हमदम थे
विश्व-युद्ध में हमारी भाषा थे
सारे यूरोप की आशा थे
लेकिन लाल-मौत बन तुमने
घेर लिए थे सारे सपने
देश में जितने गुलाब थे
फेंक दिए गए थे गुलाग<ref>स्तालिन के सत्ताकाल में स्थापित यातना शिविरों का समूह</ref> में
फटी-पुरानी कमीज़ों से ढके वे
कारागारों में ठुँसे हुए थे
विदा लाल झंडे हमारे
तुम थे हमको कितने प्यारे
आओ उन सबका शोक मना लें
जो जन तुमने कब्रों में डाले
जिनको तुमने धोखा दिया भारी
जिबह किए असंख्य नर-नारी
चलो तुम्हारा भी शोक मनाएँ
तुम भी तो हो धोखा खाए
विदा लाल झंडे हमारे
तुम थे हमको कितने प्यारे
तुमने नहीं दिया हमें कोई सुख
तुम्हारे साथ आया बस दुख ही दुख
तुम रक्त सने थे, हत्यारे थे
तुम यम बने थे, हरकारे थे
अब खुरंट बने तुम, छील रहे हम
तुमसे बिछड़ने का नहीं कोई ग़म
सूखी हैं आँखें, अश्रु नहीं हैं
तुम जैसा कोई पशु नहीं है
जनता ने तुमसे आशाएँ जोड़ीं
पर तुमने उसकी आँखें फोड़ीं
विदा लाल झंडे हमारे
तुम थे हमको कितने प्यारे
अब है पहला क़दम हमारा
आज़ादी की ओर
अब हम मनुष्य बने हैं फिर से,
न डंगर, न ढोर
हमने बना लिए हैं अब
अपने-अपने झंडे
खड़े हुए हैं अब हम ख़ुद,
लिये हाथ में डंडे
हमें कुचल न दें फिर से वे,
जिनसे है संघर्ष
अब अपनी जान हाथ में लेकर,
खड़े हैं हम सहर्ष
विदा लाल झंडे हमारे
तुम थे हमको कितने प्यारे
तुम हो अब रूसी झंडे का
एक हिस्सा विशेष
रूसी तिरंगे में शामिल है
तुम्हारा भी अवशेष
श्वेत-शुभ्र रंग है उसमें,
गहरे नीले रंग के साथ में
संभव है, लाल रंग तेरा अब,
रक्त धो दे अपने माथ से
विदा लाल झंडे हमारे
तुम थे हमको कितने प्यारे
अपने निश्छल बचपन में हम
तुझे ले खेला करते थे
हम लाल सैनिक<ref>1917 की अक्टूबर क्रान्ति के बाद कम्युनिस्टों की समर्थक सेना के सैनिक।</ref> बनते थे
श्वेत-सेना<ref>1917 की क्रान्ति के बाद हुए गृहयुद्ध में कम्युनिस्ट विरोधी सेना</ref> वाले हमसे डरते थे
हम पैदा हुए थे उस देश में
जो शेष नहीं अब किसी वेष में
लेकिन अब भी है याद हमें
हम जीए तब किस परिवेश में
विदा लाल झंडे हमारे
तुम थे हमको कितने प्यारे
अब हमारी वह लाल पताका
इज़माइलोव बाज़ार<ref>मास्को स्थित पुरानी वस्तुओं का बाज़ार</ref> में पड़ी हुई है
एक-एक डालर में बिकती है वह
पर बिक नहीं पाती, अड़ी हुई है
विन्टर पैलेस<ref>क्रान्ति से पहले रूस के ज़ार का महल, जिसमें अब हेरमिताज़ नाम का रूस का सबसे बड़ा कलाकृति संग्रहालय है।</ref> नहीं जीता था मैंने
रैख़स्टॉग पर हमला भी नहीं किया
कभी कम्युनिस्ट नहीं रहा जीवन में
कम्युनिस्टों का साथ भी नहीं दिया
पर लाल झंडे का देख बुरा हाल
मैं रो-रोकर होता बेहाल
विदा लाल झंडे हमारे
तुम थे हमको कितने प्यारे