मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
लीजे-लीजे गोपाल प्यारे आरती
क्यो सखि आबथि, जल भरि लाबथि
क्यो सखि चरण पखारथि
लीजे-लीजे गोपाल प्यारे आरती
क्यो सखि आबथि, माखन-मिश्री लाबथि
क्यो सखि भोग लगाबथि
लीजे-लीजे गोपाल प्यारे आरती
क्यो सखि आबथि, धूप-दीप लाबथि
क्यो सखि आरती उतारथि
लीजे-लीजे गोपाल प्यारे आरती