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लीडर का निर्माता / शकुन्त माथुर

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 सजा है
रेशम के पर्दों से ड्राइंग रूम
सोडे से, फ़िनाइल से,
और गरम पानी से
धुल रहे बाथरूम ।

टॉवेल रूँए का हाथ में
लाण्ड्री-धुला, गोरा —
कोठी से निकल रहा बैरा ।
चपरासी कसे बेल्ट,
सेक्रेटरी लिए डायरी,
गेट पर कार खड़ी,
लोगों को इन्तज़ार —
कौन आ रहा?
लीडर आ रहा !

कौन है जा रहा ?
सड़ी है गली टपरे-सी
टपरा सड़ा है घूरे-सा,
बम्बा है पानी का
घर से बहुत दूर;
टूटे घड़े हाथ में
काई चढ़े ।

निकल रही छिपकली-सी
लड़की दरवाज़े से;
गली का पिल्ला बन
फिर रहा बच्चा
लिए ख़ाली बोतल
मट्टी के तेल की ।

कूड़े-से भरी गाड़ी
खड़ी है गली के बीच
भंगी का इन्तज़ार
गन्दगी का संसार ।

जिसमें है बोल रहा
मौत के सिग्नल-सा
भोंपू दूर मील का
भूखा ही
कौन है जा रहा ?
लीडर का निर्माता !