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लुत्ती / गंग नहौन / निशाकर
Kavita Kosh से
अपराधी स्वीकारि चुकल छल अपराध
कऽ चुकल छल आत्म समर्पण
तैयो दागल गेलै गोली ओकरा।
खलासी स्वीकारि चुकल छल अपन गलती
दुनू कऽल जोड़ि लेने छल
तैयो पीटल गेलै ओकरा।
गृहणीक मधुर वचनो पर
उलहन देल गेलै
रण्डी धरि कहल गेलै ओकरा।
अनचोके एक दिन भऽ जएतैक
अन्याय, अत्याचार आ अनाचारक विरुद्ध
प्रतिक्रिया
प्रतिघात
प्रतिहिंसा।