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लुत्फ़ जो उसके इंतजार में है / फ़रहत शहज़ाद

लुत्फ़ जो उसके इंतजार में है
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है

हुस्न जितना है गाहे गाहे में
कब मुलाकात-ए-बार-बार में है

जान-ओ-दील से में हारता ही रहू
गर तेरी जीत मेरी हार में है

जिंदगी भर की चाहतों का सिला
दील में पैबस्त नोक-ए-खार में है

क्या हुआ गर ख़ुशी नही बस में
मरना तो इख़्तियार में है