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लेकिन खुदा से पूछिए / विजय वाते

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पूछिए, सब कुछ हवा से पूछिए|
खेरियत, लेकिन खुदा से पूछिए|

रेल कितना कुछ हमारा ले गई,
लक्ष्मण की उर्मिला से पूछिए|

वायदों के रंग से कितने मधुर,
ये किसी बुढे पिता से पूछिए|

वो हरे सिग्नल लगे कितने निठुर,
फिक्र में डूबी दुआ से पूछिए|

जानकी कैसे रही उद्यान में,
रामजी की मुद्रिका से पूछिए|