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लेन-देन / शैल चतुर्वेदी
Kavita Kosh से
एक महानुभाव हमारे घर आए
उनका हाल पूछा
तो आँसू भर लाए
बोले-
"रिश्वत लेते पकड़े गए हैं
बहुत मनाया नहीं माने
भ्रष्टाचार समिति वाले
अकड़ गए हैं
सच कहता हूँ
मैनें नहीं मांगी थी
देने वाला ख़ुद दे रहा था
और पकड़ने वाले समझे
मैं ले रहा था
अब आप ही बताइए
घर आई लक्ष्मी को
कौन ठुकराता है
क्या लेन-देन भी
रिश्वत कहलाता है
मैनें भी एक काम किया था
एक सरकारी ठेका उसके नाम किया था
उसका और हमारा लेन-देन बरसों से है
और ये भ्रष्टाचार समिति तो
परसों से है।"