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लेवल घरोॅ केॅ / अशोक शुभदर्शी
Kavita Kosh से
उठाय लेॅ चाहलकै हमरोॅ घरें नें
हमरा
आपनोॅ लेवल तक
हम्मेॅ गिराय लेॅ चाहलियै
आपनोॅ घरोॅ केॅ लेवल
आपनोॅ लेवल तक
देखलियै
हम्मीं नै उठेॅ सकलियै
घरोॅ के लेवल तक
आरोॅ गिरी गेलै
हमरोॅ घरोॅ केॅ लेवल
हमरोॅ लेवल तक ।