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ले विदा इस ज़िन्दगी को तूने रुसवा कर दिया / रंजना वर्मा
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ले विदा इस ज़िन्दगी को तूने रुसवा कर दिया।
था जहाँ गुलशन सुहाना आज सहरा कर दिया॥
जिंदगी के मोड़ पर हर तेरे मेरे दरमियाँ
फ़ासला था जो उसे तूने दोबाला कर दिया॥
सो रहे थे ख़्वाब सब अंगड़ाइयाँ लेने लगे
आरजूओं की परी को तूने जिंदा कर दिया॥
तू मिला तो हर उदासी मुँह छुपाने थी लगी
जिंदगी का रंग था तू ने निराला कर दिया॥
एक रब ही है कि जिस पर वक्त की चलती नहीं
ज़िन्दगी को वरना इसने आज है क्या कर दिया॥
फ़ायदा बस देखता है हर जगह अपने लिये
आज खुदगर्ज़ी ने सबको गूंगा बहरा कर दिया॥
तू छुड़ा कर हाथ जन्नत के सफ़र पर चल पड़ा
खुद भी तन्हा हो गया मुझको भी तन्हा कर दिया॥