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लैला मिली मजनूँ न मिला / हिन्दी लोकगीत

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

लैला मिली मजनूँ न मिला-२
बड़े जोर की आँधी आई
बन्नी चढ़ गई कोठे पर
नीचे से वो बन्ना बोले
ओय ओय ओय बन्नी उड़ मत जाना आँधी में

लैला मिली मजनूँ न मिला-२
बड़े जोर की बदरी छाई
बन्नी चढ़ गई कोठे पर
नीचे से वो बन्ना बोले
ओय ओय ओय बन्नी सो मत जाना बदरी में

लैला मिली मजनूँ न मिला-२
बड़े जोर से पानी बरसा
बन्नी चढ़ गई कोठे पर
नीचे से वो बन्ना बोले
ओय ओय ओय बन्नी बह मत जाना पानी में

लैला मिली मजनूँ न मिला-२