लै बदनामी कलंकिनि होइ चवाइन
को कब लौं मुख चाहिए ।
सासु जेठानिन की इनकी उनकी
कब लौं सहि कै जिय दाहिए ।
ताहु पै एति रुखाई पिया 'हरिचंद'
की हाय न क्यौंहूँ सराहिए ।
का करिए मरिए केहि भाँतिन नेह
को नातो कहाँ लौं निबाहिए ।
लै बदनामी कलंकिनि होइ चवाइन
को कब लौं मुख चाहिए ।
सासु जेठानिन की इनकी उनकी
कब लौं सहि कै जिय दाहिए ।
ताहु पै एति रुखाई पिया 'हरिचंद'
की हाय न क्यौंहूँ सराहिए ।
का करिए मरिए केहि भाँतिन नेह
को नातो कहाँ लौं निबाहिए ।